आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन : वन नेशन वन हेल्थ कार्ड :- वन नेशन वन टैक्स, वन नेशन वन राशन कार्ड जैसी स्कीम लॉन्च करने के बाद आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का शुभारंभ किया है. 15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत की थी. तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह वन नेशन वन हेल्थ कार्ड क्या है, और यह कैसे काम करेगा।
वन नेशन वन हेल्थ कार्ड क्या है ?
वन नेशन वन हेल्थ कार्ड पूरी तरह से डिजिटली कार्ड होगा जो देखने में बिल्कुल आधार कार्ड की तरह ही होगा आधार कार्ड में जैसे अंको का एक यूनीक आईडेंटिफिकेशन नंबर होता है ठीक उसी प्रकार इस हेल्थ कार्ड में भी एक यूनिट आईडेंटिफिकेशन नंबर होगा जिसके आधार पर उस व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री पता चल सकेगी. इस हेल्थ कार्ड में आपका पूरा हेल्थ रिकॉर्ड होगा और यह रिकॉर्ड एक सेंट्रल सर्वर से जोड़ा जाएगा, जिससे कि अगली बार आप जब भी इलाज करवाने जाएंगे तो आपको डॉक्टर को यही हेल्थ कार्ड दिखाना होगा और इसी के आधार पर डॉक्टर आप का इलाज कर सकेगा.
अभी आप जब भी डॉक्टर को दिखाने जाते हैं तो आपको अपने साथ अपनी सारी रिपोर्ट्स की फाइल ले जाने होती है जिसके आधार पर डॉक्टर आप की जांच करते हैं. हेल्थ कार्ड भी आपकी रिपोर्ट की फाइल की तरह ही काम करेगा इसे आप अपनी रिपोर्ट्स का डिजिटल रूप समझ सकते हैं.
हेल्थ आईडी कार्ड के लिए क्या डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी?
डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनवाने के लिए आपको सिर्फ दो चीजें जरूरी है एक आपका मोबाइल नंबर और एक आधार नंबर. आपका मोबाइल नंबर आप के आधार कार्ड के साथ लिंक होना चाहिए.
हेल्थ आईडी कार्ड किस किस व्यक्ति का बनेगा?
हेल्थ आईडी कार्ड भारत के हर नागरिक का बनेगा चाहे वह पुरुष और स्त्री हो बच्चे हो या कोई और. आपको यह कार्ड बनवाना है या नहीं बनाना है यह आपको ही तय करना होगा.
हेल्थ आईडी कार्ड बनाने के क्या-क्या फायदे होंगे ?
हेल्थ आईडी कार्ड में आपकी हेल्थ से जुड़ी सारी जानकारी डिजिटल रूप में दर्ज होती रहेगी. जब भी आप अस्पताल में इलाज करवाने जाएंगे तो आपके सारे पुराने रिकॉर्ड वहीं पर डिजिटल रूप में मिल जाएंगे. इससे डॉक्टर के पास आपकी पुरानी बीमारी की जानकारी होगी आप किन-किन दवाइयों को ले रहे हैं, आपको किस प्रकार की दवाओं से एलर्जी है, जिससे कि डॉक्टर को आप का इलाज करने में काफी मदद मिलेगी.
क्या हेल्थ कार्ड में आपका डाटा सुरक्षित रहेगा?
जी हां हेल्थ कार्ड को एक सेंटर सरवर के साथ जोड़ा जाएगा. जब भी आप डॉक्टर के पास इलाज करवाने जाएंगे तो डॉक्टर तब तक आपका डाटा नहीं देख सकेगा जब तक आपके मोबाइल पर ओटीपी से उसे वेरीफाई नहीं किया जाएगा.
हेल्थ आईडी कार्ड कैसे बनेगा : हेल्थ आईडी सार्वजनिक अस्पताल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर या फिर किसी अन्य डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से आप हेल्थ आईडी कार्ड बनवा सकते हैं. अगर आप अपना हेल्थ आईडी कार्ड खुद से ऑनलाइन बनवाना चाहते हैं तो नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो कीजिए :-
Digital Health Card Registration Process :
STEP-1 : सबसे पहले आपको आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की वेबसाइट पर जाना होगा, इसके लिए आपको गूगल पर टाइप करना है https://healthid.ndhm.gov.in. इसे आप आयुष्मान भारत डीजल मिशन की ऑफिशल वेबसाइट के होम पेज पर आ जाओगे. यहां पर आपको नीचे की तरफ Create Your Health ID Now की ऑप्शन दिखाई दे रही होगी आपको इस पर क्लिक करना है.
क्लिक करते ही आपके सामने एक नया पेज हो जाएगा. यहां पर आपको Generate Via Aadhar का बटन दिखाई दे रहा होगा आपको इस पर क्लिक करना है.
क्लिक करते आपके पास कुछ इस प्रकार का पेज खुल जाएगा . यहां पर आपको अपना आधार कार्ड नंबर डालना है. उसके बाद नीचे आई एग्री चेक बॉक्स को टिक कर देना है. उसके बाद आई एम नॉट रोबोट वाले चेक बॉक्स को भी टिक कर देना है और फिर सबमिट के बटन पर क्लिक कर देना है.
इसके बाद एक नया पेज खुल जाएगा. यहां पर आपको आपके मोबाइल नंबर पर जो ओटीपी आएगा उसे डालना है. और सबमिट के बटन पर क्लिक कर देना है.
इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा . यहां पर आपको अपना मोबाइल नंबर डालना है और सबमिट के बटन पर क्लिक कर देना है .क्लिक करते ही आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा आपको उसे यहां पर फिल कर देना है. और सबमिट बटन पर क्लिक कर देना है. इस प्रकार से आपका मोबाइल नंबर वेरीफाई हो जाएगा.
Step-2 : अब आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा जहां पर ही आपको अपना प्रोफाइल क्रिएट करने के लिए कहेगा. यहां पर आपको अपने कुछ बेसिक डीटेल्स जैसे नाम, ईमेल आईडी, फोटो, और एड्रेस फिल अप करना है और सबमिट की बटन पर क्लिक कर देना है.
0 Comments
Please Do not enter any spam link on comment box